कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद पर विशेष
कथा सम्राट प्रेमचंद की 125 वीं जयंती पर बीबीसी की विशेष प्रस्तुति
प्रेमचंद हिंदी साहित्य के उस फ़कीर का नाम है जो किसी भी बादशाह से ऊँची हैसियत रखता है. आज उनके नाम पर दुकानें तो बहुत खुली हैं पर क्या इन दुकानदारों में से किसी में भी यह औकात है कि प्रेमचंद जैसा कुछ गढ़कर बता दे? शशि सिंह, मुम्बई
नवरात्र माहात्म्य आज, रविवार, 10 अक्तूबर, 1999 को प्रकाशित
विद्यार्थी जीवन में 'आज' के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित आलेख हिन्दू पंचागके अनुसार आश्विन मासके शुक्ल पक्षकी प्रतिपदा तिथिको नवरात्रिका आरम्भ होता है. शरद ऋतुमें होने के कारण इसे शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है. 'मारकण्डेय पुराण' अध्याय 89 श्लोक 11 में कहा भी गया है कि 'शरत्काले महापूजा क्रियते या च वार्षिकी' और 'निर्णयसिन्धु' नामक धार्मिक विवादोंका समाधान करने वाला ग्रंथ भी यही मानता है. परंतु संस्कृतके प्रसिद्ध वैयाकरण नागोजी भट्टने 'वार्षिकी' को वासंती नवरात्र बोधक कहा है. 'निर्णयामृत' और 'समय मयूख' जैसे ग्रंथ भी इसका समर्थन करते हैं. पूरी स्टोरी पढ़िये...
मुम्बई की बारिश और मेरे अनुभव गुरुवार, 28 जुलाई, 2005 को प्रकाशित
सिर्फ मैं ही नहीं, मुम्बई में रहने वाला शायद ही कोई होगा जिसके पास इस ऐतिहासिक बारिश से जुड़ा कहने को कोई अफसाना ना हो. खुद मैं 26 तारीख की सुबह का ऑफिस गया. आज 28 की सुबह घर लौटा हूं. 27 तारीख को ऑफिस की तरफ बस की सुविधा मुहैया कराई गई, मगर सड़कों पर रेंगती टैफिक की वजह से तीन घंटे में आठ किलोमीटर भी नहीं जा पाया तो उस दिन ऑफिस से 40 किलोमीटर दूर अपने घर जाने का इरादा छोड़ वापस आठ किलोमीटर का सफ़र पैदल तयकर ऑफिस के करीब रहने वाले एक दोस्त के घर शरण ली. आज सवेरे आंशिक रूप से लोकल ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने पर ही घर पहुंच पाया. शशि सिंह, मुम्बई
मुम्बई. सितारों भरी शाम में मुम्बई की जमीं पर चंद सितारों के जन्म का नजारा इतना अदभूत था कि आसमां के सितारे भी अपनी चमक भूल इस ओर तांक-झांक करने लगे. पूरी स्टोरी पढ़िये...
मुम्बई. सितारों भरी शाम में मुम्बई की जमीं पर चंद सितारों के जन्म का नजारा इतना अदभूत था कि आसमां के सितारे भी अपनी चमक भूल इस ओर तांक-झांक करने लगे. पूरी स्टोरी पढ़िये...
मुम्बई. सितारों भरी शाम में मुम्बई की जमीं पर चंद सितारों के जन्म का नजारा इतना अदभूत था कि आसमां के सितारे भी अपनी चमक भूल इस ओर तांक-झांक करने लगे. पूरी स्टोरी पढ़िये...
मुम्बई. सितारों भरी शाम में मुम्बई की जमीं पर चंद सितारों के जन्म का नजारा इतना अदभूत था कि आसमां के सितारे भी अपनी चमक भूल इस ओर तांक-झांक करने लगे. पूरी स्टोरी पढ़िये...
मुम्बई. सितारों भरी शाम में मुम्बई की जमीं पर चंद सितारों के जन्म का नजारा इतना अदभूत था कि आसमां के सितारे भी अपनी चमक भूल इस ओर तांक-झांक करने लगे. पूरी स्टोरी पढ़िये...